पाँच पीरों को पर्चा
बाबा रामदेवजी कि प्रसिद्धी न सिर्फ राजस्थान बल्कि सम्पूर्ण विश्व में फैलने लगी । उनको न सिर्फ हिन्दू बल्कि मुसलमान भी ध्याने लगे । यह सुनकर मक्का से पांच पीर रामदेव जी की परीक्षा लेने के लिए रूणिचा आये । उन्होंने रामदेव जी से भेंट की । रामदेवजी ने उन्हें
भोजन का निमंत्रण दिया परन्तु पांचो पीरो ने उस निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हम तो अपने कटोरों में ही भोजन करते हैं और वो कटोरे हम मक्का में ही भूल गये हैं ।
तब रामदेव जी मन ही मन मुस्काए और समझ गए कि सभी पीर उनकी परीक्षा लेने के लिए यहाँ आये है । रामदेवजी ने अपने हाथ ज्योंही पसारे उन पांचो पीरो के आगे उन्ही के कटोरे हाजिर हो गये ।तब पीर बोले हम तो पीर है ओर आप तो पीरो के पीर रामसापीर हो ।तब फिर से रामदेवजी ने भोजन ग्रहण करने का निवेदन किया ।ओर पीरो ने भोजन किया
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