सालियों को पर्चा
रामदेव जी जब बारात लेकर अमरकोट (अभी पाकिस्तान में स्थित) पहुंचे तब उनका वहां पर बहुत आदर सत्कार के साथ स्वागत हुआ । सभी बाराती बारात स्थल पर ठहरे । रामदेव जी अपने निश्चित स्थान पर विश्राम कर रहे थे तभी रामदेव जी की कुछ सालियाँ मजाक
करने के लिए एक थाल में मरी हुई बिल्ली ढक कर ले आई और रामदेव जी के आगे फलों का थाल कह कर रख दी और एक तरफ खड़ी हो गयी ।
रामदेवजी अपनी अलौकिक शक्ति से उस कपडे से ढके थाल का राज़ जान गये । उन्होंने ज्योंही उस कपडे को हटाया वह मरी हुई बिल्ली जीवित होकर वहां से भाग गयी । यह देख कर वहां खड़ी रामदेवजी की सभी सालियाँ दंग रह गयी । वे समझ गयी कि यह रामदेव जी का ही चमत्कार है और वे रामदेव जी के आगे नतमस्तक हो गयी ।
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