नेतलदे को स्वस्थ किया
नेतलदे का विवाह रामदेव जी के साथ हुआ था । यह अमरकोट के राजा दलजी सोढा की पुत्री थी । लोक मान्यता के अनुसार यह रुक्मणी का अवतार कही जाती हैं । कहते हैं कि पक्षाघात के कारण नेतलदे पंगु हो गयी थी, किन्तु पाणिग्रहण संस्कार होते ही, रामदेव जी की अलौकिक शक्ति से उनकी पंगुता दूर हो गयी । रामदेव जी कहने पर वे जब फेरों के लिए उठने का प्रयास करने लगी तो सहसा ही उनमे उठने की शक्ति आ गयी और उन्होंने उठकर रामदेव जी के साथ फेरे लिए, यह देख लोगों के हर्ष का पार नहीं रहा, सभी लोग रामदेव जी का जयघोष करने लगे ।
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